मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

    सुकून और खुशी की चाहत हर किसी को होती है पर यह तभी मिल सकती है , जब अति महत्वाकांक्षा से बचने की कोशिश करते हुए जीवन को सरल किया जाए।
           
              बचपन को देखकर हर कोई खुश होता है , हर कोई बच्चा बन जाना चाहता है अपने बचपन के दिनो मे लौट जाना चाहता है , शायद इसलिए बचपन में न कोई फिक्र होती है, न कोई गम ।

            हम खुशी को प्राय: बाहर ही तलाशते है जबकि यह हमारे भीतर ही होती है अपने पर भरोसा रख कर निरंतर स्वयं को आगे बढ़ाने की कोशिश करे  तो जीवन मे हर पल, हर दिन उत्साह बना रहेगा '



धन्य

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गुरू