ज्ञानामृत ।
लेना चाहते हो तो आशीर्वाद लो।
देना चाहते हो तो अभय दान दो।
खाना चाहते हो तो क्रोध अौर गम खाओं।
मारना चाहते हो तो बुरे विचारो को मारो।
जानना चाहते हो तो भगवान को जानो
जीतना चाहतो हो तो तृष्णाओं को जीतो।
पहनना चाहते हो तो नेकी का जामा पहनों ।
करना चाहते हो तो दीन-दुखियों की सेवा करो ।
छोड़ना चाहते हो तो झूठ बोलना छोड़ दो।
बोलना चाहते हो तो मीठी वाणी बोलो ।
देखना चाहते हो तो अपने अवगुण देखो ।
चलना चाहते हो तो सन्मार्ग पर चलो ।
पहचानना चाहते हो तो अपने आप को पहचानो।
धनयवाद।
लेना चाहते हो तो आशीर्वाद लो।
देना चाहते हो तो अभय दान दो।
खाना चाहते हो तो क्रोध अौर गम खाओं।
मारना चाहते हो तो बुरे विचारो को मारो।
जानना चाहते हो तो भगवान को जानो
जीतना चाहतो हो तो तृष्णाओं को जीतो।
पहनना चाहते हो तो नेकी का जामा पहनों ।
करना चाहते हो तो दीन-दुखियों की सेवा करो ।
छोड़ना चाहते हो तो झूठ बोलना छोड़ दो।
बोलना चाहते हो तो मीठी वाणी बोलो ।
देखना चाहते हो तो अपने अवगुण देखो ।
चलना चाहते हो तो सन्मार्ग पर चलो ।
पहचानना चाहते हो तो अपने आप को पहचानो।
धनयवाद।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें