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हर व्यक्ति को सुविधाओं का उपयोग करते समय मितव्ययिता
का ध्यान रखना चाहिए। यह समष्टिवादी दृष्टिकोण अपनाकर
ही हमें सबका ध्यान रखना चाहिए ।
साद्यनाजीवन जीने की कला का नाम है ।जो मानव अस्तित्व की गरिमा समझ सका और उसे अनगढ़ स्थिति से निकाल कर
सुसंस्कृत पद्वति से जी सका उसे सोर्वापरि कलाकार कहते है ।
मेहनत और तेज दिमाग दोनों यदि किसी व्यक्तिके पास हो तो दुनिया के किसी भी कोने मे रहकर रोजीरोटी कमा सकता है और खुश रह सकता है।
आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसो हम सफलता के
नजदीक आते ही जा रहे है । तू कैसा पागल है कि सफलता
के इतना पास आकर हार मान बैठा है जबकि हम जीत के
बिल्डा
हर व्यक्ति को सुविधाओं का उपयोग करते समय मितव्ययिता
का ध्यान रखना चाहिए। यह समष्टिवादी दृष्टिकोण अपनाकर
ही हमें सबका ध्यान रखना चाहिए ।
साद्यनाजीवन जीने की कला का नाम है ।जो मानव अस्तित्व की गरिमा समझ सका और उसे अनगढ़ स्थिति से निकाल कर
सुसंस्कृत पद्वति से जी सका उसे सोर्वापरि कलाकार कहते है ।
मेहनत और तेज दिमाग दोनों यदि किसी व्यक्तिके पास हो तो दुनिया के किसी भी कोने मे रहकर रोजीरोटी कमा सकता है और खुश रह सकता है।
आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसो हम सफलता के
नजदीक आते ही जा रहे है । तू कैसा पागल है कि सफलता
के इतना पास आकर हार मान बैठा है जबकि हम जीत के
बिल्डा
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