गुरुवार, 21 सितंबर 2017

समय का स्वरूप ।

        समय का स्वरूप ।

समय क्या है? उसका स्वरूप क्या है? इसे दर्शाने के लिए ,
सिकन्दर के समकालीन यूनानी मूर्तिकार ने एक मूर्ति बनाई
थी उस मूर्ति का तो आज कहीं पता नहीं, लेकिन एक व्यक्ति ने
उस मूर्ति का एक चित्र देखा था। उसने समय की मूर्ति का स्वरूप कुछ इस तरह ब्यान किया था ।:- समय दिखने में बहुत
सुंदर होता है ।  समय सदा अपने पैरो की उंगलियों पर खड़ा
रहता है । क्योंकि वह सदा गतिशील रहता है । उसके पैरो पर पंख लगे होते क्योकि सदा गतिशील रहने के लिए उसे उड़ना
पड़ता है। समय के हाथ में एक उस्तरा होता है ,वह इस बात का प्रतिक है कि समय से अधिक तेज धार किसी की नहीं होती ।
 
       समय के माथे पर बाल होते है,इन्ही की सहायता से समय को पकड़ा जा सकता है। समय के सिर के पीछे बाल नहीं होते ताकि जब वह उड़ जाए तो कोई उसे पीछे से ना पकड़ पाये ।  समय का इतना सुदंर रुप मानव को जाग्रत
करने के लिए ही दिया गया है ।
   
  धन्यवाद ।

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