निर्णय।
निर्णय लेना भी एक कला है ।व्यक्ति के निर्णयो मे ही
उसके विचारो की झलक मिलती है। सकारात्मक चिंतन
वाले व्यक्ति मे नम्रता ,मित्रता ,विनम्रता , आशावादी ,साहस आदि भावनाएँ प्रबल होती है । जबकि नकारात्मक विचारधारा वाले वयक्ति मे ईर्ष्या,द्वेष ,लोभ,स्वार्थ आदि की
प्रमुखता रहती है । सकारात्मक चिंतन उचित निर्णय का आद्यार बनता है ।जबकि नकारात्मक चिंतन गलत निर्णय अथवा अनिर्णय की स्थिति उत्पन्न करता है।
यदि अनिर्णय आैर गलत निर्णय मे से किसी एक को चुनना मजबुरी हो तो गलत निर्णय चुनना अधिक उचित होगा ,क्योकि कुछ ना करने से बेहतर है कु छ भी करना । दुनिया में दो तरह के आदमी है एक तो वे जो हमेशा भाग्य को दोष देते रहते है ओर दूसरे वे जी अपने पुरुषार्थ से अपना भाग्य
स्वयं लिखते है । जो हमेशा सफल होते है और अपने गुणाे के बल पर निरतंर सफलता के मार्गपर अग्रसर है।
धन्यवाद।।🙏🙏🙏🙏🙏
निर्णय लेना भी एक कला है ।व्यक्ति के निर्णयो मे ही
उसके विचारो की झलक मिलती है। सकारात्मक चिंतन
वाले व्यक्ति मे नम्रता ,मित्रता ,विनम्रता , आशावादी ,साहस आदि भावनाएँ प्रबल होती है । जबकि नकारात्मक विचारधारा वाले वयक्ति मे ईर्ष्या,द्वेष ,लोभ,स्वार्थ आदि की
प्रमुखता रहती है । सकारात्मक चिंतन उचित निर्णय का आद्यार बनता है ।जबकि नकारात्मक चिंतन गलत निर्णय अथवा अनिर्णय की स्थिति उत्पन्न करता है।
यदि अनिर्णय आैर गलत निर्णय मे से किसी एक को चुनना मजबुरी हो तो गलत निर्णय चुनना अधिक उचित होगा ,क्योकि कुछ ना करने से बेहतर है कु छ भी करना । दुनिया में दो तरह के आदमी है एक तो वे जो हमेशा भाग्य को दोष देते रहते है ओर दूसरे वे जी अपने पुरुषार्थ से अपना भाग्य
स्वयं लिखते है । जो हमेशा सफल होते है और अपने गुणाे के बल पर निरतंर सफलता के मार्गपर अग्रसर है।
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