संस्कार ।
सशक्त व सर्मथ समाज के लिए युवा शकि प्रमुख आधार है। एक समर्थ और सशक्त युवा संगठन के लिए यह आवश्यक है
कि उनका लालन- पालन उचित हो ।
आज जरूरत है मानव को मानवीय संस्कारो की , संस्कार
सम्पन्न संतान ही गृहस्थाश्रम की सफलता का सच्चा गुण है ।
संस्कार सम्पन्न संतान समाज और परिवार के लिए वरदान साबित होते है।
घर संस्कारो की जन्मस्थली है। अतः संस्कारित करने का कार्य हमें अपने घर से ही करना चाहिए । हर माँ बाप चाहते है कि उनकी संतान उनकी अपेक्षा के अनुसार बने ,परन्तु कई बाहरी परिस्थितियो की वजह से आजकल सांस्कृतिक और सामाजिक प्रदूषण बढ़ रहा हैै ।
किसी पेड़ के पत्तों एवं फूलो की सफाई कर देने भर से वह
हरा भरा नहीं हो जाता , बल्कि उसकी जड़ो को पोषित करना पड़ता है । तभी वह फलता फूलता है ।
ठीक इसी प्रकार व्यक्ति को समाज का अच्छा नागरिक बनाने के लिए अगर बचपन से ही सही दिशा मिल जाए तो समाज को एक अच्छा नागरिक मिल सकता है ।
कि उनका लालन- पालन उचित हो ।
आज जरूरत है मानव को मानवीय संस्कारो की , संस्कार
सम्पन्न संतान ही गृहस्थाश्रम की सफलता का सच्चा गुण है ।
संस्कार सम्पन्न संतान समाज और परिवार के लिए वरदान साबित होते है।
घर संस्कारो की जन्मस्थली है। अतः संस्कारित करने का कार्य हमें अपने घर से ही करना चाहिए । हर माँ बाप चाहते है कि उनकी संतान उनकी अपेक्षा के अनुसार बने ,परन्तु कई बाहरी परिस्थितियो की वजह से आजकल सांस्कृतिक और सामाजिक प्रदूषण बढ़ रहा हैै ।
किसी पेड़ के पत्तों एवं फूलो की सफाई कर देने भर से वह
हरा भरा नहीं हो जाता , बल्कि उसकी जड़ो को पोषित करना पड़ता है । तभी वह फलता फूलता है ।
ठीक इसी प्रकार व्यक्ति को समाज का अच्छा नागरिक बनाने के लिए अगर बचपन से ही सही दिशा मिल जाए तो समाज को एक अच्छा नागरिक मिल सकता है ।
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