किताब ।
यह तो सभी स्वीकार करते है कि हमे जो कुछ भी जानकारी
प्राप्त होती है , हमारा जितना भी ज्ञान - वर्धन होता है, सब कुछ पुस्तको के माध्यम से ,आवश्यकता यह है कि हम अच्छी
और ज्ञान - वर्धक किताबे पढ़े । दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वस्तु यदि कोई है तो , वो है किताब ।
किताबो को दुनियाँ की सर्वश्रेष्ठ सपत्ति माना गया है ।
श्रेष्ठ पुस्तके समाज को सभ्य बनाने मे सहायक है । एक श्रेष्ठ किताब मन, चित्त, बुद्धि को निर्मल करती है । वहीं बुरी पुस्तके
जहर के समान है ।
किताबे मनुष्य का सच्चा मित्र होती है ।
आप निरतंर श्रेष्ठ विचारो वाली पुस्तके पढ़ते रहे, आपको जीवन मे कभी निराश एवं हतोत्साहित नहीं होना पड़ेगा ।
पुस्तको के सम्बंध में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की ये बाते
प्ररेणादायक है:-" मैं नरक मे भी अच्छी किताबाे का स्वागत करूँगा, क्योकि उनमे वह शक्ति है कि जहाँ वे होगीं ,वहीं
स्वर्ग बन जाएगा । पुस्तको का साथ कभी मित्रो की कमी नहीं खटकने देता ।
धन्यवाद ।
यह तो सभी स्वीकार करते है कि हमे जो कुछ भी जानकारी
प्राप्त होती है , हमारा जितना भी ज्ञान - वर्धन होता है, सब कुछ पुस्तको के माध्यम से ,आवश्यकता यह है कि हम अच्छी
और ज्ञान - वर्धक किताबे पढ़े । दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वस्तु यदि कोई है तो , वो है किताब ।
किताबो को दुनियाँ की सर्वश्रेष्ठ सपत्ति माना गया है ।
श्रेष्ठ पुस्तके समाज को सभ्य बनाने मे सहायक है । एक श्रेष्ठ किताब मन, चित्त, बुद्धि को निर्मल करती है । वहीं बुरी पुस्तके
जहर के समान है ।
किताबे मनुष्य का सच्चा मित्र होती है ।
आप निरतंर श्रेष्ठ विचारो वाली पुस्तके पढ़ते रहे, आपको जीवन मे कभी निराश एवं हतोत्साहित नहीं होना पड़ेगा ।
पुस्तको के सम्बंध में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की ये बाते
प्ररेणादायक है:-" मैं नरक मे भी अच्छी किताबाे का स्वागत करूँगा, क्योकि उनमे वह शक्ति है कि जहाँ वे होगीं ,वहीं
स्वर्ग बन जाएगा । पुस्तको का साथ कभी मित्रो की कमी नहीं खटकने देता ।
धन्यवाद ।
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