मंगलवार, 7 नवंबर 2017

परिश्रम का कोई विकल्प नहीं।


  1. सफलता यदि चाहते तुम भी परिश्रम से जोड़ लो नाता । फश्रमयदि करे कोई , पत्थरों में फूल खिल जाता।।

एक धनवान पिता का पुत्र क्या मोची का काम करेगा ? क्या पढ़ा लिखा युवक ऐसा काम करेगा ? उस गलत मान्यताओ और धारणाओं ने आदमी को आलसी बना दिया है। आदमी बिना हाथ पैर हिलाये सिधा सुख चाहता है। यह सच है 'परिश्रम का कोई विकल्प नहीं '।जीवन निर्माण की पहली शर्त है-'कठोर परिश्रम'।समाज और राष्ट्र निर्माण की पहली शर्त है 'कठोर श्रम' । प्रतिभा परिश्रम से ही निखरती है। विजयलक्ष्मी श्रम की सहचरी और साहस की पत्नी है कहा भी है- हो हिम्मत पास तो मुट्टी में आसमान । परिश्रम वह सुनहरी चाबी है जो किस्मत के फाटक खोल देती है।

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