गुरुवार, 14 दिसंबर 2017

मानवता

कभी-कभी ऐसा लगता है , जैसे मानव जीवन से मानवता समाप्त होती जा रही है । हर व्यक्ति कोई कार्य सिर्फ अपने लाभ के लिए ही करता नजर आ रहा है। दया-धर्म आदि का मनाव जीवन में अपना एक अलग स्थान है।

हम अगर किसी के हित मे कुछ करते है तो उसका प्रतिफल हमें किसी न किसी रूप में जरूर मिलता है। हमारे आस-पास बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो छोटे-छोटे कार्य करके सामाज को लाभ देने का काम करते है। ये वो लोग होते है जिन्हें समाज के सुख में ही आना सुख नजर आता है जैसे लोगो की वजह से समाज में मानवता आज भी जीवित है। समाज को इनसे सीखना चाहिए और समाज की प्रसन्नता में अपनी खुशी खोजनी चाहिए । वैसे भी सनातन धर्म में सेवा करने से बड़ा पुण्य कोई नहीं है। सेवा न केवल हमें आत्मिक संतुष्टि देती है बल्कि जीवन को सुधारती है।



धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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