गुरुवार, 31 अगस्त 2017

मकान और घर 🏠🏠🏕️🏕️

मकान सीमेंट, ईंट और गारे से बनता है  तथा घर परिवार के सदस्यो के आपसी प्रेम व सदभावना से बनता है । जब परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे की भावनाओ का आदर करते है एवं सुख दुख में भागीदार बनते हैं तो घर मंदिर ही नहीं स्वर्ग भी बन सकता है ।

संयुक्त परिवार मे सभी सदस्यो को मिलजुलकर  प्रेम के साथ रहना चाहिए ।परिवार के प्रत्येक सदस्य का यह नैतिक  कर्तव्य हैकि वह एक दूसरे की भावनाओ का आदर करे, बड़ो का सम्मान करें, छोटों को प्यार करें तथा सबसे संतुलन रखकर चलें ।

पारिवार के सभी सदस्यो का भला कैसे हो ,उनका आदर सम्मान कैसे हो ,ये सब बातें जब बाते ना रहकर व्यवहारिक हो जाती है तब परिवार में प्रेम व सोहार्द बढ़ने लगता है ।

आपने भी कभी ना कभी अनुभव किया होगा कि संसार मैं हम चाहें कहीं भी रहें, कहीं भी घूम फिर आए,कितनी ही  ऐशोआरम की जिन्दगी जी ले ,लेकिन वो सुख शान्ति और शुकुन हमें कहीं नहीं  मिलता जो अपने घर ,अपने परिवार ,अपने झौपड़े में मिलता है ।

    धन्यवाद ।🙏🙏🙏🙏🙏

बुधवार, 30 अगस्त 2017

प्रेम और सहानुभूति ।

 दूसरों से यह अपेक्षा करना कि सभी हम जैसे ही होंगे और हमारे कहे आनुसार चलेंगे । मानसिक तनाव बने रहने का मुख्य कारण है । इससे छुटकारा पाने के लिए यह आवश्यक है कि हम चुपचाप शांतिपूर्वक अपना काम करते चलें और लोगों को अपने हिसाब से काम करने दे ।

हम दूसरो को जबरदस्ती अपनी तरह नियमो के अनुसार कार्य करने एवं जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते ।
इससे ना तो वह सुधरेगा और न हम ही खुश रह सकेंगे ।

दूसरो को सुधारने या बदलने से अच्छा है हम खुद ही अपने आप को जीवन धारा के अनुसार बदल दें ।

प्रेम ही एक ऐसी महान शक्ति है जो प्रत्येक दिशा में जीवन को आगे बढ़ाने में सहायकहोती है । बिना प्रेम के किसी  के विचारो में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है ।

यदि हम दूसरो पर विजय प्राप्त करके उनको अपनी विचारधारा में बहाना चाहते हैं तो प्रेम का सहारा लेना चाहिए ।विशवास रखिए आपकी प्रेम और सहानुभूतिपूर्ण बाते सुनने के लिए दुनियाँ विवश हो जाएगी ।


Expect from others that will  tell  us all we will run as per .Mental stress is the main cause of stay .To get rid of it is necessary that we quietly do their job peacefully and according to their work.
       We like others to act according to the rules of your force and life to lead .It can neither he or nor we will be able to stay happy.
     To repair or change is good from others we only automatically change according to the life streams.
       Love is a great strength to move on to life in evey direction is helpful .Changes in one's ideas of love without cannot be retrieved.
       If we consider them by their conquered section would change their approach to the excuse is, would love your point of manavata . Belive that you love and sympathy will be forced to hear the full talk world.

बुढ़ापा

              बुढ़ापा ।

जिन्दगी में एक वक्त ऐसा आता है, जब लगता है कि हमारी अब किसी को जरूरत नहीं । बुर्जग अक्सर ऐसा कहते हैं। 
बुढ़ापा शब्द कानो में गूंजते ही जो एक तस्वीर हमारे मानस पटल पर उभरती है, वह एक जर्जर ,लाचार, बीमार , खाट पर पड़ी जिन्दगी।  कितनी चुभन है इन शब्दो में ।

बूढ़ा कहने की अपेक्षा बुर्जग कहना बुढ़ापे का सौम्य चित्रण है।
वृद्ध का अर्थ है विकासशील ।  वृद्ध नागरिक अनुभव व ज्ञान का महाकोष है। हमारे जीवन की तमाम छोटी बड़ी समस्याओ का हल उनकी अनुभव की पोटली में आसानी से मिल जाते है। क्योंकि हमने तो अभी जीना शुरू किया है आैर  वे जीवन जी चुके। 

परिवार के बुर्जग सदस्य ये कभी नहीं चाहेंगे कि जीवन के जिन कड़वे अनुभवो को  उन्होंने जिया है,उनको उनकी संताने भी जिए। इसलिए वे हर बात पर  नसीहत देते रहते है । जो आज की पीढ़ी को कम ही  सहनीय होती है। 

उनके सिर के सफेद बाल ,चेहरे की झुरिया उनके बुढ़ापे की परिचायक नहीं  बल्कि  उनकी  परिपक्वता की घोतक है वे निहायत ही अनुभवो का अनोखा खजाना है । हमें उनका अनादर ना करके उनसे जीवन के सूत्र सीखने चाहिए ।
    
                 धन्यवाद।

गुरुवार, 24 अगस्त 2017

अकेलापन ।

महान व्यक्ति सदैव अकेले चले हैऔर इस अकेलेपन के कारण ही दूर तक चले । दूसरे सेदुःख मिटाने की उन्होंने कभी आशा नहीं रखी
अकेलापन जीवन का परम सत्य है। किंतु अकेलेपन से घबराना जी तोड़ना ,कर्तव्यपथ सेहतोत्साहित या निराश होना सबसे बड़ा पाप हो ।

जिस दिन तुम्हें अपने हाथ पैर और दिल पर भरोसा होजायेगा,उसी दिन तुम्हारी अंतरात्मा कहेगी कि बाधाओं को कुचलकर तू अकेला चल अकेला ।

जिन व्यक्तियों पर तुमने आशा के विशाल महल बना रखे हैं, वे कल्पना के व्योम में विहार करने के समान हैं। दूसरों को अपने जीवन का संचालक बना देना ऐसा ही है जैसा अपनी नौका को ऐसे प्रवाह में डाल देना जिसके अंत का आपको कोई ज्ञान नहीं



Great man are gone and the loneliness always akle reason by far.Others never not purging sorrow . loneliness is the absolute truth of life.But loneliness break,be disappointed ji kartavya path is the biggest sin  Heskett from. The day you very on your hands-feet and heart,prompting your conscience on the same day that thou alone running akla crushing odds.
The individuals you make huge castle of hope,they imagine space is similar to the center.Asthir , are immaterial hollow.
Making your life to others is same as the operator of his yacht pour a stream which you sense the end.

बुधवार, 23 अगस्त 2017

सद्गुण बढ़ाएँ । शिष्टाचार अपनाएँ ।

मनुष्य के पास सबसे बड़ी पूँजी सदगुणों की है ।
जिसके पास जितने सद्गुण वहउतना ही बड़ा अमीर ।

लोग गुणो की पूजा करते है ,व्यक्ति की नही सचाई को सिर झुकाते है बनावटीपन को नही। टेसू के फूल  देखने में सुन्दर होते है ,परन्तु खुशबु गुलाब की ही अच्छी  लगती है ।

आपका कोई एक गुण अन्य व्यक्तियो से जितना अधिक होगा,उतना ही अधिक यश आपको मिलेगा

सुकरात बहुत ही कुरुप थे, फिर भी वे सदा दर्पण पास रखते थे। और बार बार अपना चेहरा देखते थे। एक मित्र ने कारण पूछा तो कहा,"सोचता हूँ, इस कुरूपता का प्रतिकार मुझे अधिक अच्छे कार्यो से सन्दरता बढ़ाकर करना चाहिए । इसी बात को याद रखने में दर्पण से सहायता मिलती है। "

दुसरी बात सुकरात ने कही," जो सुदंर है, उन्हें भी दर्पण देखते रहना चाहिए और सीखना चाहिए कि ईश्वर द्वारा प्रदत्त सौदंर्यपर कहीं दुषिवृतियो के कारण दाग धब्बा ना लग जाए।"

 सार यही है कि हम ,सुडौल हो या बेडौल ,  बांटे गुणों की सुगंध।

     धन्यवाद।

मंगलवार, 22 अगस्त 2017

श्रम ही जीवन है।

परिश्रम शील व्यक्ति का मुख मंडल सदैव चमकता हुआ दिखाई देता है। और आलसी  व्यक्ति सदैव दुखी व खोटी
क्लपनाओ में फँसा रहता है।

  परिश्रमी ही सबसे अधिक सुखी ,प्रसन्न और सन्तुष्ट रहते  है
वे भले ही भौतिक संपत्ति ,समृद्धि में बड़े न हों ,किन्तु उनका
आतंरिक धन ,जिससे  मानसिक संतोष ,हल्कापन और प्रसन्नता का वे अनुभव करते हैं ,वह संसार की सबसे बड़ी संपत्ति है।

श्रम से ही स्वास्थ्य में सुद्यार होता है। परिश्रमी व्यक्ति थककर अपने बिस्तर पर जाता है और अच्छी नींद सोता है

प्रातः जब वह उठता है तो तरोताजगी ,शक्ति व प्रसन्नता का
अनुभव करता है  ।  आलसी व्यक्ति अनिद्रा मे पड़े हुए सुबह भी  आलस्य, चिंता, भारसा  महसूस करते हुए उठते है ।

तो फिर याद  रखना श्रम से ही जीवन निखरता है ।

    धन्यवाद ।

सोमवार, 21 अगस्त 2017

      जरा देखिए तो....

  घर तो हमारे बड़े हो गए ,पर परिवारछोटे ।

  सुविधाएँ बढ़ गई ,लेकिन समय कम ।

हमारे पास डिग्रियाँ तो बहुत हैं ,पर समझदारी नहीं हैं।

जानकारी ज्यादा है ,लेकिन  अक्ल कम ।

  दवाएँ तो बहुत हैं, लेकिन  स्वास्थ्य नहीं ।

  हम चाँद पर तो हो आए हैं, पर सड़क पार के नए पडोसियों से मिलने से  हमें कठिनाई होती है।
 
  वस्तुओ की मात्रा तो  बढ़ती जा रही है, पर गुणवता नहीं ।

    भोजन तो तुरन्त प्राप्त हो जाता है, पर पाचन नहीं ।

    मनुष्य खुद तो लम्बा चौड़ा है, पर चरित्र उसका ओछा है ।

     मुनाफा खूब बढ़ रहा है, पर सम्बन्ध  तार तार होते जा रहे है।
 
    खिड़की से तो बहुत कुछ दिखता है, पर कमरा खाली है।



         धन्यवाद ।

रविवार, 20 अगस्त 2017

                समाज सेवा

समाज सेवा कितना प्यारा नाम है। हर इंसान समाज का सेवक बन कर सेवा करना चाहता है। इंसान का यह बहुत अदअच्छा भाव है।

सेवा करने के चार  माध्यम हे।  तन , मन, धन  और समय ।
यह  जरूरी नहीं कि ये चारो  साधन सभी के पास उप्लब्ध हो।

किसी के पास तन मन धन तो है पर समय नहीं है।
किसी के पास तन,मन व समय है पर धन नहीं है।
किसी के पास मन व धन तो है पर समय नहीं है।

सेवा किसी भी माध्यम से की जा सकती है ।  सेवा के लिए सबसे  जरूरी है निष्ठा, निस्वार्थता, निष्पक्षता ।


जो काम करेगा उसे शाबाशी कम आलोचना ज्यादा मिलेगी ।
आलोचना से नाराज नहीं होना चाहिए ।  आलोचना को अपनी सेवा का  पुस्कार मान कर सहर्ष स्वीकार करो

आलोचक का धन्यवाद कहो  कम से कम उसने हमारी सेवा का मुल्यांकन तो किया


              धन्यवादा ।

शनिवार, 19 अगस्त 2017

            ।आशा अमर धन

संसार के सभी महापुरूष प्रारंभ में साधारण श्रेणी, योग्यता , क्षमताओं  के व्यक्ति रहें है। इतना हैनहोने पर भी उन्होंने अपने आप को कभी हीन नहीं समझा। आैर निराशा को कभी पास नहीं फटकने दिया।

जीवनमें आशावादी व्यक्ति ही आगे बढ़ता है। उम्मीद पर ही तो दुनिया चलती है।  जब इंसान  मुश्किलों का सामना करता है तो वह डर जाता है।  उसे लगता हें कि अब उसके पास कोई रास्ता नहीं है।

पर आशावादी व्यक्ति कभी निराश नहीं होता।  वे सदा यही सोचते है कि

मुसीबत से घबरा गए तो जीरो है जिन्दगी

सफलता पा गए तो  हीरो हैं जिन्दगी।


शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

सुबह जरूर आएगी ।🌞🌞🌞🌞

उतार-चढ़ाव का नाम जिंदगी है। हम सबके जीवन में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं,जब उससे बाहर निकलना मुश्किल प्रतीत होता है। परिस्थितियों के सामने हमारा विश्वास कमजोर फ्ड़पड़ने लगता है। एक के बाद एक ऐसी घटनाएं घटती है, जो हमारी उर्जा को सोख लेती है।
                    अगर आप ऐसी परिस्थिति में फंसे हुए हैं तो निराश मत होइए। धैर्य के साथ विचार करने पर आप इन्हें बदल सकते हैं या कम से कम बेहतर ढंग से इनका सामना तो कर ही सकते है।
                   दूसरी बात जब बदलाव करने का निर्णय लें तो यह मान लें कि फैसला तब तक कारगार नहीं होगा,जब तक उसके लिए कदम न उठाए जाएं। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो सुबह की सैर से त्का खानपान तक ,सब पर ध्यान दें।
           तीसरी बात , आप का लक्ष्य क्या है, उसे याद रखना सबसे महत्वपूर्ण है। इससे आप स्पष्ट रूप से उसे देख पाएंगे जो आप को हासिल करना है जब भी लक्ष्य का निर्धारण करें उसे यथार्थ के धरातल पर रखें ।
                 और अंत में, सबसे खास बात ये है कि हौसला कभी न खोएं। अगर आप अपना लक्ष्य बदलना चाहतें हैं तो कोई बात नहीं . यह सबसे आसान कदम होगा कि उसे भूल जाए।यह आपका जीवन है। अगर बदलना चाहते हैं तो आगे बढ़े और कदम उठाएं। कहा भी गया है कि मनुष्य अपना भाग्य विधाता होता है। अब तैयारी शुरू कर दें अपने जीवन को बदलने  की। यह आपको ही करना है।यह एक ऐसा रास्ता है,जिस पर सिर्फ आप ही चल सकते हैं। दूसरा और कोई नहीं।🏅🏅🏅🏅🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

गुरुवार, 17 अगस्त 2017

 जब परमात्मा मेरे पिता, गुरू, मार्ग- दर्शक है तो इस दुनिया में मुझे किसका डर है।

               हमारीकोई सुनता नहीं, कहते

                                                     कहते थक गए पर सुनने वाला कोई मिला ही नहीं ,अर्थात जिनसे कहा जाता है उन पर हमारी बात का कोई असर ही नहीं ।
मेरी राय में इसमे सुनने वाले से अधिक दोष कहने वाले का है।
कहने वाले करना नहीं जानते।
वे अपनी ओर देखे ।वचन की सफलता का सारा  श्रेय कर्मशीलतामेंहै।आप चाहे बोले नहीं,थोड़ाही बोले पर अपने कार्य में जुट जाइए। आप थोड़े ही दिनो में देखेंगें कि लोग बिना कहे ही आपकी  ओर  आ रहे हे।। अतः  कहिये कम , करिए अधिक ।
क्योंकि  काम बोलता है।
(👍👍👍👍

बुधवार, 16 अगस्त 2017

उठो!
जागों !! रूको मत!!
जब तक कि लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए।कोई दूसरा हमारे प्रति बुराई करे या निदां करे ,उत्तेजित बात कहे तो उसको उत्तर देने के बजाए  मौन  रहना  चाहिए।  जो अपने कार्य में जुटा रहता है और इसरों के अवगुणों की खोज में नहीं रहता वह सदा मन से प्रसन्न रहता है।
                जीवनमे उतारचढ़ावआते' ही रहते है।  हंसतेरहो मुस्कराते रहो।
                  ऐसा मुख किस काम का  जो हंसे नहीं मुस्कराए नहीं।
जो व्यक्ति अपनी मानसिक शक्ति बनाए रखना चाहते हैं, उनको दूसरो की आलोचनाओ से  चिढ़ना नहीं चाहिए।
जो कुछ हो , होने दो।  तुम्हारे बारे मे जो कहा जाए उसे कहने दो ।
प्रत्येक क्षण व अवसर का लाभ उठाओ। मार्ग लम्बा है। समय कब रुकता है। अपनी पुरी उर्जा  के साथ कार्य मे लग जाओ ,
लक्ष्य तक पहुँचोगे।
     
                 
सुप्रभात🙏🙏🙏🙏

मंगलवार, 15 अगस्त 2017

Hareeye na himmat

हरेक हार से हमें कुछ सीखना चाहिए। अपनी कमियों को लिख कर उन्हें दूर करना चाहिए । आप ने छोटे बच्चों को चलना सीखते देखा होगा, वह कितनी ही बार गिरता है परन्तु उतने ही उत्साह से फिर उठकर चलना सीखता है। गिरकर उठना सीखें ,हारकर  जीतना सीखें।।                                                    दूसरो की कमियां देखने से पहले हमें अपनी कमियो को टटोलना चाहिए । यदि हो तो पहले उसे दूर करो। दूसरों की निंदा करने में जितना समय देते हो उतना समय अपने आत्मोत्कर्ष में लगाओ। संसार को जीतने की इच्छा रखने वालो को पहले अपने मन को जीतना होगा।

सोमवार, 14 अगस्त 2017

Safaltaa koi itfaak nahi hai yah lottery ki ticket mein nihit nahi hoti hai, ise toh swaym hume hi srijan karna hota hai. Kasht,vipdayen, sankat hi mastishk mein santulan ki kasauti hai. Yadi hum apne karye mein imaandar hai toh yeh samast sansaar puruskar k roop mein mil jayega. Bass hume apna manobal majboot rakhna hai .

किताबें

गुरू