सही दिशा
एक व्यक्ति था जो बहुत देवताओं को पूजता और बहुत गुरू बनाकर , किसी न किसी से कुछ पाने की फरीक में रहता ।
वह एक गुरु के पास बैठा था। इतने में एक अन्य भक्त आया और बताया कि उसने अपने खेत में चार - दस हाथ गहरे गङ्ढे खोदे। किसी में भी पानी नहीं निकला।"पांचवा गङ्दा खोदने जा रहा हूँ। बताइये पानी निकलेगा या नहीं।"
पहले से ही बैठा चतुर व्यक्ति गुरू के उत्तर देने तक न ठहर सका। आवेश में बोला - "इतने गड्ढे खोदने के स्थान पर यदि एक ही स्थान पर पचास हाथ गड्ढ़ा खोदते तो इतनी जमीन भी खराब न होती और पानी भी मिल जाता।"
बात समझदारी की थी तो उसने मान ली। नया कुआँ खोदने के स्थान पिछले गड्डे को ही गहरा करने की बात समझ में आई और सिखावन को क्रियान्वित करने के लिए वापस लौट गया।अब गुरू ने उस चतुर व्यक्ति से कहा - " तुम भी बहुत देवता और गुरूओं को तलाश न करके यदि एक पर ही श्रद्धा जमा लेते तो अच्छा होता। "
दर - दर भटकने से अच्छा है एक दर पर दृढ़ आस्था रखना।
धन्यवाद।।🙏🙏